This one is my all time favorite. And everything about it is fascinating…. composition, voice and especially lyrics. So here they are:
सीखो ना….
सीखो ना नैनों की भाषा पिया
कह रही है….
तुमसे ये खामोशियाँ
सीखो ना ….
लब तो न खोलुंगी मैं
समझो दिल की बोली
सीखो ना….
सीखो ना नैनों की भाषा पिया
सुनना सीखो
उन हवा को
सन-न-सन सन-न-सन कहती है क्या
पढ़ना सीखो
सलवटों को
माथे पे ये बलखाके लिखती है क्या
आहटों की हैं अपनी ज़ुबाँ
इनमे भी है इक दास्ताँ
जाओ जाओ जाओ जाओ पिया …
सीखो ना….
सीखो ना नैनों की भाषा पिया
कह रही है….
तुमसे ये खामोशियाँ
सीखो ना ….
लब तो न खोलुंगी मैं
समझो दिल की बोली
सीखो ना….
सीखो ना नैनों की भाषा पिया
गहरे पानी
जैसा लम्हा
छेदो ना इसे हिल जायेंगी गहराइयाँ
हलकी साँसो
के शेहर में
देखो तो ज़रा बोलती है क्या परछाइयाँ
कहने को अब बाकि है क्या
आखों ने सब कह तो दिया
जाओ जाओ जाओ जाओ पीया …
सीखो ना….
सीखो ना नैनों की भाषा पिया
कह रही है….
तुमसे ये खामोशियाँ
सीखो ना ….
लब तो न खोलुंगी मैं
समझो दिल की बोली
सीखो ना….
सीखो ना नैनों की भाषा पिय
BTW, a lot of friends around me somehow rate the song equally high. I’m surprised. But ya, most of them are in love or perhaps pretend to their girl-friends that they are in love. Does that conclude anything? 🙂